Monday 27 February 2012







अनेक बार ऐसा देखा गया है कि सच्चे हृदय से भगवान् की प्रार्थना करने सेअपना इच्छित मनोरथ पूरा कर देने की प्रभु से याचना करने सेवह कार्य पूरा हो जाता है। इस प्रार्थना से सिद्धि मिलने का एक आध्यात्मिक रहस्य है- वह यह है कि प्रार्थना करने वाले को यह विश्वास रहता है कि (१) परमात्मा ऐसा शक्तिशाली है कि वह चाहे तो आसानी से मेरी इच्छा को पूरा कर सकता है। (२)परमात्मा दयालु है। उसके स्वभाव को  देखते हुए यह आशा की जा सकती है कि मेरे कार्य को पूरा कर देगा। (३) मेरी माँग उचितआवश्यक और न्याय संगत हैइसलिए परमात्मा की कृपा  मुझे प्राप्त होगी। (४) अपने अन्त:करण का श्रेष्ठतम भाग श्रद्धाविश्वास परमात्मा पर आरोपण करते हुए सच्चे हृदय से प्रार्थना कर रहा हूँ। इसलिए मेरी पुकार सुनी जायेगी। इन चारों तथ्यों के मिलने से याचक की आकांक्षा प्रबल हो उठती है और उसके पूरे होने का बहुत हद तक उसे विश्वास हो जाता है। आशा की किरणों का प्रकाश उसके अन्त:करण में बढ़ जाता है। ऐसे मानसिक स्थिति का होना सफलता की एक पूर्व भूमिका है। तरीका चाहे कोई भी होपर मनुष्य यदि अपनी मानसिक स्थिति ऐसी बना ले कि मेरा मनोरथ सफल होने की पूरी आशापूरी संभावना है। तो अधिकांश में उनके मनोरथ पूरे हो जाते हैंक्योंकि आशा और सम्भावनामयी मनोदशा के कारण शारीरिक और मानसिक शक्तियाँ असाधारण रूप से जाग उठती हैं और उत्तमोत्तम उपाय सूझ पड़ते हैं। मार्ग निकलते हैंएवं सहयोग प्राप्त होते हैंजिनके कारण सफलता का मार्ग बहुत आसान हो जाता है और प्राय: वह प्राप्त भी हो जाती है।

Tuesday 14 February 2012

GAURI


सब कहते है ये बावरी है पत्थर से बातें करती है किस दुनिया में ये रहती है कलयुग में कृष्णा ढूँढती है

Friday 3 February 2012

rasik sanware kinajar




HAPPY JANMASTAMI

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रसिक सांवरे की नजर हो इस तरफ
हमे मोर मुकुट वाला ही दिलदार चाहिए
बरसती रहे प्यार के मेघो से झड़ी
हमे इश्क से भरपूर गुलजार चाहिए,


teri ramat





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*हे कृष्ण * -

तेरी रहमतो को देख कर
आंख भर आती है
हाथ उठाने से पहले ही
दुआ कुबूल हो जाती है
*प्रेम से कहिये श्री राधे *