Sunday 17 June 2012


श्री कृष्ण :- मनुष्य के लिए लक्ष्य विन्दु!
श्री राधा :- मनुष्य के लिए समस्त इन्द्रियों को वश में करने का आधार!
मोर पंख :- मनुष्य के लिए श्यान लगाने का साधन!
गौ :- मनुष्य के लिए सिद्धांतों एवं नियमों का सूत्र!
वृन्दावन :- मनुष्य के लिए आत्मचिंतन करने का स्थान!
नंदगाँव :- मनुष्य के लिए क्रीडा स्थली!
बरसाना :- मनुष्य के लिए प्रेम स्थली!
द्वारिका :- मनुष्य के लिए करम स्थली!
गोकुल :- मनुष्य के लिए ज्ञान स्थली!
गोवर्धन पर्वत :- मनुष्य के लिए अपने आप को पहचानने का मार्ग!
कान्हा की मुरली धुन :- मनुष्य की आत्मा की आवाज़!
महारास :- मनुष्य के लिए साक्षात गोकुल धाम में सुख का अनुभव



प्रश्न – किस नाम का जप करना चाहिए ?
उत्तर – साधक की जिस नाम रूप में श्रद्धा हो वही नाम जपना चाहिए| कलियुग में विशेषकर – हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे – हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे, यह षोडश अक्षर का मंत्र बहुत दामी है| इस मंत्र का जप हर समय किया जा सकता है| इस मंत्र में राम कृष्ण हरी तीनों ही आते हैं|
राम अर्थात – जो सबमें रमण करें अथवा जिसमें योगी लोग रमण करते हो |
कृष्ण अर्थात – सच्चा आनंद अथवा सबको मोहने वाला|
हरी अर्थात – सबके पापों को हरने वाला|
हरी, राम, कृष्ण ये तीनों, तीनों ही युग में हुए, ये सच्चिदानंदघन ही थे|


महात्मा की परीक्षा – जहां स्वार्थ है वहाँ करामत नहीं है| स्वार्थ आने के बाद करामत भाग जाती है यानी वह महात्मा नहीं है| जहां भोग-विलास है वहाँ भी महात्मा नहीं है| उच्चकोटिका पुरुष कभी अपनेको श्रेष्ठ नहीं बतावेगा| दुसरे आदमी श्रेष्ठ बतावेंगे तो वे लज्जित हो जावेंगे| वक्ता ऐसा होना चाहिए जो पहले खुद करे फिर उसका प्रचार करे|