Wednesday 4 July 2012



श्यामा के यादों के अश्क

श्यामा तेरी यादों में जो अश्क बहते है ,

ये मेरे अंग का अनमोल रत्न है ,

इसे में अपने आँखों में समाये रखना चाहूंगी ज़िन्दगी 

भर ,अश्क बहार आये अगर तेरी यादों में मोती बनकर ,

उस अश्क को में कभी बहने न दूंगी ,

ये मेरा वादा है !! 

दोस्तों इस अनमोल रत्न को अगर कोई संभाल कर  

रखे तो उसके ज़िन्दगी में कभी कोई दुःख नाम का चीज़ 

नहीं रहेगा  !!


~ ~ जय श्री कृष्ण ~ ~ 


सादे रंग


सादे रंग को गलती से आप न कोरा समझो ,
इसी में समाये इन्द्रधनुषी सातों रंग ,

~ ~ सदा बहार ~ ~ 

जो दिखे आपको ज़िन्दगी सादगी भरी किसी की ,
तो आप यूँ समझो सतरंगी है दुनिया हमारी ।

~ ~ जय श्री राधे कृष्ण ~ ~ 

Kanha Kab Tak Bahenge Mere Ye Ashq ?

 Kanha Mera Apne Kisi Dost Ke Saath Koi Dushmani Nahi Hai,
 To Fir Q Koi Mujhe Baar Baar Pareshaan Kar Raha Hai ?
 Mera Kya Kasoor ?
 Koi Kare Or Hum Uska Saza Paye,
 Par Q Kanha ?
 Me Tumhaari Badkismat Waali Shradha Hoon.
 Kya Tumhare Seva Me Mujhse Koi Galti Hui Hai ?
 Jo Tum Mujhe Dukh Pe Dukh Diye Ja Rahe Ho ?
 Kanha Kab Tak Bahenge Mere Ye Ashq ?


हरे रामा-हरे रामा....रामा रामा हरे हरे....हरे कृष्णा हरे कृष्णा....कृष्णा कृष्णा हरे हरे...

 कृष्ण धुन में डूबे भक्त और हरी नाम में
 हर तरफ कृष्ण नाम का अनुपम स्वर लगे रहे सुबह शाम ।
 गले में तुलसी की माला डाले अपने प्रभु में लीन हो जाना
 प्रभु के नाम से कहीं कोई चिंता नहीं कोई बैर-भाव नहीं
 बस प्रभु का ही नाम लेते रहो हरदम
 भर दें प्रभु आप सभी के ज़िन्दगी में खुशियाँ ही खुशियाँ

 ~ ~ जय श्री कृष्णा ~ ~