मीरा मगन भई हरि के गुण गाय।।सांप पिटारा राणा भेज्या मीरा हाथ दिया जाय।न्हाय धोय जब देखन लागी सालिगराम ग पाय।।जहरका प्याला राणा भेज्या इम्रत दिया बनाय।न्हाय धोय जब पीवन लागी हो ग अमर अंचाय।।सूली सेज राणा ने भेजी दीज्यो मीरा सुवाय।सांझ भ मीरा सोवण लागी मानो फूल बिछाय।।मीरा के प्रभु सदा सहाई राखे बिघन हटाय।भजन भाव में मस्त डोलती गिरधर पर बलि जाय।।७।। |
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