Thursday, 22 September 2011

तेरे फूलों से भी प्यार


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[अमृत  और  ज़हर  दोनों  हैं  सागार  में  एक  साथ

मंथन  का  अधिकार  है  सबको,फल  प्रभु  तेरे  हाथ ]

तेरे  फूलों  से  भी  प्यार

तेरे  काँटों  से  भी  प्यार

जो  भी  देना  चाहे  दे  दे  करतार

दुनिया  के  तारण  हार

तेरे  फूलों  से  भी  प्यार ............

चाहे  सुख  दे  या  दुःख , चाहे  ख़ुशी  दे  या  ग़म  

मालिक  जैसे  भी  रखेगा  वैसे , रह  लेंगे  हम

मालिक  रह  लेंगे  हम

चाहे  हंसी  भरा  संसार  दे , या  आंसुओं  की  धार

जो  भी  देना  चाहे  दे  दे  करतार

दुनिया  के  तारण  हार

तेरे  फूलों  से  भी  प्यार ............

हम  को दोनों  हैं  पसंद , तेरी  धुप  और  छाँव

दाता  किसी भी  दिशा  में  ले  चल, ज़िन्दगी  की  नाव

ले  चल  ज़िन्दगी  की  नाव

चाहे  हमें  लगा  दे  पार , डूबा  दे  चाहे  हमें  मंझधार

जो  भी  देना  चाहे  दे  दे  करतार

दुनिया  के  तारण  हार

तेरे  फूलों  से  भी  प्यार ............


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