तेरे रूप में ऐसा जादू हैं
तुझे निहारूं हर वकत
मन मेरा बेकाबू हैं
तेरी आँखों में
खुद को समाए जाती हूँ
अपनी सारी दुनिया तुझी में
बसाये जाती हूँ
तेरे होंठों की मुस्कराहट
को बस! निहारे जाती हूँ
तेरे इस श्रृंगार को बस!
मन में बसाये जाती हूँ
तेरा यह रूप जो अब
मेरी आँखों में समाया हैं
अब पलकें कैसे झुकाऊ
अब तू जो इन नैनन में
मनबसिया आन समाया हैं
तुझे निहारूं हर वकत
मन मेरा बेकाबू हैं
तेरी आँखों में
खुद को समाए जाती हूँ
अपनी सारी दुनिया तुझी में
बसाये जाती हूँ
तेरे होंठों की मुस्कराहट
को बस! निहारे जाती हूँ
तेरे इस श्रृंगार को बस!
मन में बसाये जाती हूँ
तेरा यह रूप जो अब
मेरी आँखों में समाया हैं
अब पलकें कैसे झुकाऊ
अब तू जो इन नैनन में
मनबसिया आन समाया हैं
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