आजा श्याम आ जा



सुबह से सांझ,सांझ से सुबह
हर पल बीता जाता हैं
सावन भादो हर ऋतू
आती और जाती हैं
पर तू क्यों नही आता श्याम?
क्यों हैं इतना तरसाता
अब न तड़पाओ श्याम
अब तो आ ही जाओ श्याम
सागर की हर लहर आती जाती हैं
आँखों से बिन्दु टपटपआते रहते हैं
तेरे इंतज़ार में व्याकुल नयना नीर बहाते रहते हैं
मन तडपता हैं दर्शन को तेरे
हर पल बीता जाता हैं
सावन भादो हर ऋतू
आती और जाती हैं
पर तू क्यों नही आता श्याम?
क्यों हैं इतना तरसाता
अब न तड़पाओ श्याम
अब तो आ ही जाओ श्याम
सागर की हर लहर आती जाती हैं
आँखों से बिन्दु टपटपआते रहते हैं
तेरे इंतज़ार में व्याकुल नयना नीर बहाते रहते हैं
मन तडपता हैं दर्शन को तेरे
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