Tuesday, 11 October 2011

इक बार तो दर्शन करवा दो बिहारी


मुझमे ही बैठा हैं वो छिप के कहीं पे
रोम रोम में हैं मेरे अंतर मन में
हम में रह कर हमी से करते हैं पर्दा
देखा हैं ऐसा दिलदार कहीं साँवरा
हम भी उसको ही पुकारें हैं
जिद्द अपनी हम भी ठाने हैं
इक बार तो दर्शन करवा दो बिहारी
इक बार तो आ जाओ
मुरली की तान सुना जाओ
मेरी आत्मा में तुम समा जाओ
मुझे अपना तुम बना जाओ
मुझे अपने में समा जाओ
श्याम सरकार मेरे इक बार तो आ जाओ



2 comments:

  1. धन अकिंचन का श्री कृष्ण शरणम् ममः..
    लक्ष्य जीवन का श्रीकृष्ण शरणम् ममः..
    दीन दुखियों का निर्बल जनों का सदा,
    दृढ़ सहारा है श्रीकृष्ण शरणम् ममः..!!!!!

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  2. कभी कभी भगवान को भी भक्तों से काम पडे,
    जाना था गंगा पार प्रभू केवट की नाव चढ़े --२
    JAI SRI KRISHNA!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

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