दिन, महीने,ऋतू,गुजरे कई हैं साल
तूने होकर के साथ भी
क्यों न दरस दिखाया श्याम
माना के काबिल हूँ नही तेरे दरश के
फिर भी मन में लगाई हुई हैं आस
तेरा नाम रटती हैं मेरी हर शवास
कहती हूँ पल पल तुझे साँवरिया
आ जा दे जा दर्शन इक बार साँवरिया
तू नैना मूँद खो ख्यालो में राधा जू के
सुनाना बांसुरी की प्यारी तान
ओह श्याम....क्या कहूँ,
कुछ कहा ही नही जाता
बस तुम आ जाओ

♥ ♥ ♥ !@! ..... shri krishna aur maharani shri radha rani ..... !@! ♥ ♥ ♥
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