Sunday, 16 October 2011

सारे जगत को छोड़ा हैं तेरे शौंक में

सारे जगत को छोड़ा हैं तेरे शौंक में 
सर को कलम हैं कर दिया तेरे शौंक में 
आँधियों से भी जला इक नन्हा सा दिया 
नटवर का था इक आसरा जलता था शौंक में 
तूफ़ान पे तूफ़ान था पर दिल नही रुका 
काफ्ला चलता रहा तेरे ही शौंक में 
तेरी ही राह पर मुझे इक रौशनी मिली 
'हरिदासी' चल पड़ी हैं तेरे ही शौंक में 

http://i296.photobucket.com/albums/mm164/apfharuno/dividers/313152.gif

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