सारे जगत को छोड़ा हैं तेरे शौंक में
सर को कलम हैं कर दिया तेरे शौंक में
आँधियों से भी जला इक नन्हा सा दिया
नटवर का था इक आसरा जलता था शौंक में
तूफ़ान पे तूफ़ान था पर दिल नही रुका
काफ्ला चलता रहा तेरे ही शौंक में
तेरी ही राह पर मुझे इक रौशनी मिली
'हरिदासी' चल पड़ी हैं तेरे ही शौंक में




सर को कलम हैं कर दिया तेरे शौंक में
आँधियों से भी जला इक नन्हा सा दिया
नटवर का था इक आसरा जलता था शौंक में
तूफ़ान पे तूफ़ान था पर दिल नही रुका
काफ्ला चलता रहा तेरे ही शौंक में
तेरी ही राह पर मुझे इक रौशनी मिली
'हरिदासी' चल पड़ी हैं तेरे ही शौंक में


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