मैया नही छोडेगी उसे आज
किया है कान्हा ने ऐसा काज
लाख समझाया मैया ने पर
वो शैतान न आया बाज
दही की हांडी ही फोड डाली
और बन्दरों में दिया है बाँट
आज तो मार पड़ेगी उसको
पहले बस लगती थी डाँट
भले सचिदानंद कहते हैं उसको
पर भूल गया वो वैभव अपना
दिख रहा बस डंडा माँ का
भाग ले भाग सके है जितना
माँ के डर से भाग रहा लल्ला
कान का कुंडल गाल पे आये
ये लो मैया भी तेज से दौडी
अब बच के कान्हा कहाँ को जाए
किसी की पकड़ में न आने वाले
उन्हें आज माँ ने लिया है थाम
ऐसे भगवान दामोदर को मै
मोर मुकुट तेरे शीश पे सोहे !
ReplyDeleteप्यारी मुरली मुनि मन मोहे !
sri radhey